tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post750117970181210254..comments2023-10-14T03:27:45.029-05:00Comments on अनिल का हिंदी ब्लाग: मुद्दे और नामुद्दे: एक पर्दाफाशAnil Kumarhttp://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-26174547534745500272008-12-09T10:03:00.000-06:002008-12-09T10:03:00.000-06:00अनिल भाई यकीन मनिये कि आपका लेखन पलकें चीर कर सच द...अनिल भाई यकीन मनिये कि आपका लेखन पलकें चीर कर सच दिखा देने वाला है। बेहतरीन लिखा है शानदार है अद्भुत है...फ़रहीन नाज़https://www.blogger.com/profile/06194865180721569233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-23241615717926561362008-12-09T05:56:00.000-06:002008-12-09T05:56:00.000-06:00अनिल जी, दोनों चिजों का अपना महत्त्ब है... और मुका...अनिल जी, दोनों चिजों का अपना महत्त्ब है... और मुकाबला दोनों से हो..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-43510197706322324952008-12-09T01:22:00.000-06:002008-12-09T01:22:00.000-06:00आतंकवाद की मौतों में भी मीडिया थोडी choosy है........आतंकवाद की मौतों में भी मीडिया थोडी choosy है......उसी आतंकवादी हमले में VT Station और हस्पताल में सैकडो लोग मारे गए थे....पर उनकी ख़बर पर मखियाँ भी नही भिनभिनाई.............हस्पताल में गरीब सड़े गले लोग इलाज करवाने आते है, उनकी ख़बर से थोड़े ही सनसनी पैदा होती है? VT Station में अधिकतर मध्यमवर्गीय और गरीब लोग मरे गए, उनकी ज़िन्दगी भी वैसे ही धरती पर बोझ है..................<BR/>कीमती तो भाई साहब उन लोगो की ज़िन्दगी है, जो ५ सितारा होटलों में रहते और खाते है...........उनकी मौत पर मीडिया को इतना दर्द हुआ, की हस्पताल और Station की मौत को भुला कर अपलक ताज के सामने अपना कैमरा लिए डटे रहे........Anonymousnoreply@blogger.com