tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post8515294530754983266..comments2023-10-14T03:27:45.029-05:00Comments on अनिल का हिंदी ब्लाग: मेरी बॉस्टन यात्रा: कुछ लड़के इतने गंदे क्यों रहते हैं?Anil Kumarhttp://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-26355823398426444702008-11-25T10:15:00.000-06:002008-11-25T10:15:00.000-06:00हाहा.......मैंने सच में इससे भी कहीं ज़्यादा गंदे ...हाहा.......मैंने सच में इससे भी कहीं ज़्यादा गंदे घर देखे है.......दरअसल जब कुछ लोग साथ रहते है, तो सफाई हर कोई दूसरे के सर पर मढ़ना चाहता है........पर मैंने जो गन्दगी के विश्व विजेता देखे है, वो अकेले रहते थे.....एक का कमरा पूरा ecosystem था, जहाँ तिलचट्टे, फफूंद, चूहें, बासी भोजन, मकोडे और मनुष्य सभी सामंजस्य के साथ रहते थे.......सभी एक दूसरे के अस्तित्व का पूरा सम्मान करते थे, और ecosystem को बनाये हुए थे....... हा हा हाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-10646661686002898982008-11-25T04:25:00.001-06:002008-11-25T04:25:00.001-06:00हाँ कुछ लड्को के होस्दल के कमरे मैने भी देखे हैँ.क...हाँ कुछ लड्को के होस्दल के कमरे मैने भी देखे हैँ.कुछ लोगो की आदत ही होती है.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-89027437957861020752008-11-25T04:25:00.000-06:002008-11-25T04:25:00.000-06:00हाँ कुछ लड्को के होस्दल के कमरे मैने भी देखे हैँ.क...हाँ कुछ लड्को के होस्दल के कमरे मैने भी देखे हैँ.कुछ लोगो की आदत ही होती है.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-7229028072200969852008-11-24T09:41:00.000-06:002008-11-24T09:41:00.000-06:00ये "हरकतें" वे तभी तक कर सकेंगे जब तक वे बैचलर हैं...ये "हरकतें" वे तभी तक कर सकेंगे जब तक वे बैचलर हैं… मनीष से सहमत कि यह एक आम आदत है कि जब हॉस्टलनु्मा मकान में लड़के एक साथ रहते हैं तो यह होता ही है, जब हम होस्टल में थे तब साप्ताहिक सफ़ाई करते थे, और प्रति रविवार को एक लड़के का नम्बर यानी कि अपना नम्बर आते-आते एक महीना लगता था, ऐसे में एक महीने में एक बार सफ़ाई करना नहीं अखरता था… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-44044657990539215082008-11-24T09:20:00.000-06:002008-11-24T09:20:00.000-06:00ऍसे रूम देखने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं। किसी...ऍसे रूम देखने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं। किसी भी कॉलेज के हॉस्टल में ऍसे नमूनेदार लड़कों के रूम आपको मिल जाएँगे। हमने तो इंजीनियरिंग में अपने बैच के लरकों के ऍसे रूम देखे जहाँ बेड तक पहुंचने के लिए आपको दस बारह सामानों के ऊपर पेर रहकर पहुँचना पड़े :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-37129322962462207572008-11-24T09:09:00.000-06:002008-11-24T09:09:00.000-06:00एक कहावत है 'तू भी रानी, मैं भी रानी, तो कौन भरेगा...एक कहावत है 'तू भी रानी, मैं भी रानी, तो कौन भरेगा पानी'<BR/>वही चरितार्थ होती लगती है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.com