tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post8930760008213006354..comments2023-10-14T03:27:45.029-05:00Comments on अनिल का हिंदी ब्लाग: आप किसका वंश चला रही हैं?Anil Kumarhttp://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-85186626610170838432009-04-23T00:27:00.000-05:002009-04-23T00:27:00.000-05:00छत्तीसगढ़ का तीसरा स्थान देखकर अच्छा लगा . कुछ पुर...छत्तीसगढ़ का तीसरा स्थान देखकर अच्छा लगा . कुछ पुरुष नपुंसक भी तो होते हैं, जहाँ ज्यादा होंगे स्त्रियाँ भी वहां कम होंगी . भारत में कानून बनाने की एक बीमारी है , येहाँ नेताओं और अधिकारीयों को हर मर्ज की दवा कानून लगती है, सामाजिक समस्या भी ये डंडे से सुलझाना चाहते हैं सो इन्होने एक PNDT एक्ट बना दिया डंडा किस पर चलेगा? डॉक्टर पर , मर्ज रुकेगा , नहीं दाम बढ़ जायेंगे, सरकारी उगाही का तरीका .<br />और जगह जगह नोटिस बोर्ड लगा कर उन लोगों को भी बता दिया जो इस टेस्ट के बारे में नहीं जानते .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-10915502107018320992009-04-20T16:41:00.000-05:002009-04-20T16:41:00.000-05:00hey nice.. its too good and informative.. thats wh...hey nice.. its too good and informative.. thats what we TV people trying to show now-a-days..<br />I know we need need more eye openers..Seasonviews...https://www.blogger.com/profile/08287617762252543321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-80259527953053142382009-04-20T13:20:00.000-05:002009-04-20T13:20:00.000-05:00चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे उनन्त प्रदेशों में भी ऐसे आ...चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे उनन्त प्रदेशों में भी ऐसे आँकड़े अचरज का विषय है..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-22515234645789443072009-04-20T12:57:00.000-05:002009-04-20T12:57:00.000-05:00दो बातें कहना चाहूंगी.. पहली तो यह --लगता है हम जल...दो बातें कहना चाहूंगी.. पहली तो यह --लगता है हम जल्द ही लुप्तप्राय प्रजाति होने वाले हैं (अगर यह हाल रहा तब )<br />दूसरी --बहु इतना कह देगी (यानि इतनी आजादी है सवाल करने की ..नही ..कभी उन आकडों को भी देखिये जो बहुओं को जलाये जाने पर आधारित होते हैं)?L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-23390637548863068932009-04-20T11:35:00.000-05:002009-04-20T11:35:00.000-05:00aadambarvaadi vanshvaad par aapkaa yeh tanz prasan...aadambarvaadi vanshvaad par aapkaa yeh tanz prasanshniya hai.similar vicharon ke liye is naacheez kai blog par[ ramnavamiparjaimataadi]2|4|2009ka lekh padne ka nivedan hai.jamos jhallahttps://www.blogger.com/profile/13984195512782941103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-2842310368425552172009-04-20T11:00:00.000-05:002009-04-20T11:00:00.000-05:00ये आंकडे हमारे 'महान' भारतीय संस्कृति की एक और पो...ये आंकडे हमारे 'महान' भारतीय संस्कृति की एक और पोल खोलते है.....हमारे भारतीय संस्कृति में पाखंड और दोगलापन ज्यादा है, ईमानदारी कम. भारतियों को बेटा क्यों चाहिए?? वंश चलाना तो एक बहाना मात्र है. दरअसल भारतीय माँ-बाप 'लड़के' को एक investment के रूप में देखते है. लड़का हुआ, तो हमेशा साथ रहेगा, और बुढापे में सहारे की लाठी बनेगा. ज़िन्दगी आराम से कटेगी. (अफ़सोस जो की आजकल नहीं होता है, और एक तरफ से अच्छा ही है, कम से कम ऐसे घटिया माँ बाप का पुत्र मोह तो भंग हो??) . लड़की तो 'पराये घर की बेटी' है, दुसरे की Property है, उसपे और investment करके क्या फायदा?? लड़कियों के साथ एक ही परिवार में सौतेला व्यव्हार इसी मानसिकता की उपज है.<br />जो माता पिता अपने ही बच्चे का गला दुनिया देखने के पहले कोख में ही घोट देते है (निजी स्वार्थ के लिए), ऐसे माता पिता के साथ कैसा व्यव्हार किया जाना चाहिए?? 'पूजनीय' कह कर फूल माला चढाना चाहिए ?? ऐसे माता पिता को अगर दुर्भाग्यवश (सौभाग्यवश) उनका 'सुपुत्र' बुढापे में नर्क के दिन दिखाता है, तो मेरे विचार से वह पुन्य कर्म के ही बराबर है.Neeteshnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-13775815956852926932009-04-20T09:22:00.000-05:002009-04-20T09:22:00.000-05:00बहूएँ प्रश्न करने लगेँगी तब समाज मेँ बदलाव आने लगे...बहूएँ प्रश्न करने लगेँगी तब समाज मेँ बदलाव आने लगेँगे ........<br /><br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-4712439796784689752009-04-20T09:03:00.000-05:002009-04-20T09:03:00.000-05:00विचारनीय लेख ..यह आंकडे बहुत डराने वाले हैंविचारनीय लेख ..यह आंकडे बहुत डराने वाले हैंरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-19797189544366415832009-04-20T08:59:00.000-05:002009-04-20T08:59:00.000-05:00बहुत अच्छा लिखा है.
नेहरू जी के उस 'बेटे' की तो
हर...बहुत अच्छा लिखा है.<br />नेहरू जी के उस 'बेटे' की तो<br />हर बात निराली है !<br />=======================<br />डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-57007499394108238972009-04-20T08:44:00.000-05:002009-04-20T08:44:00.000-05:00बढिया लिखा और ये एक ऐसी चिंता है जो आगे जाकर बहुत ...बढिया लिखा और ये एक ऐसी चिंता है जो आगे जाकर बहुत समस्याएं खडी करेगी. खाली हरयाणा और पंजाब के लोगों के शर्म से डूबकर मरने से हल नही होगी.:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-6967483425942049132009-04-20T04:48:00.001-05:002009-04-20T04:48:00.001-05:00ये आंकडे तो सच्चाई है ... पर यदि हम अभी भी नहीं च...ये आंकडे तो सच्चाई है ... पर यदि हम अभी भी नहीं चेतें ... तो भविष्य में इससे अधिक भयावह आंकडे आनेवाले हैं ... आपने जो शुरूआती संवाद दिया है ... वह बहुत सटीक है ... किसका वंश बढा रहे हैं हम ... दो तीन पीढी बाद कुछ भी याद नहीं रहता ... सिर्फ यही कि हमारे पूर्वज मानव थे।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-40047222534262287862009-04-20T04:48:00.000-05:002009-04-20T04:48:00.000-05:00केरल पांडिचेरी जिन्दाबाद!केरल पांडिचेरी जिन्दाबाद!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-44225123791614449492009-04-20T03:04:00.000-05:002009-04-20T03:04:00.000-05:00bahut hi usndar blog, aur ekdam sacchi batein likh...bahut hi usndar blog, aur ekdam sacchi batein likhi hai aapne. samaj mai sadio purana ye jahar ki aur aapne suraj ki roshni failane ka kaam kiya hai..* મારી રચના *https://www.blogger.com/profile/17704288147367514865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-5315764536027506652009-04-20T02:06:00.000-05:002009-04-20T02:06:00.000-05:00बहुत चिंता की बात है कि समाज में महिलाओं का अनुपात...बहुत चिंता की बात है कि समाज में महिलाओं का अनुपात कम हो रहा है। भ्रूण हत्या पर अगर कस कर लगाम नहीं लगाई गई तो ये समस्या विकराल हो जाएगी। घर-घर में पांचाली होगी और लड़कों को दहेज देने पर भी लड़की नहीं मिलेगी। आपने बहुत प्रभावशाली ढंग से इस समस्या को उठाया है। आपको साधुवाद।हरि जोशीhttp://irdgird.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-85110222751790295862009-04-20T01:04:00.000-05:002009-04-20T01:04:00.000-05:00आपका लेख बहुत ही अच्छा लगा और ये जानकर बहुत खुशी ह...आपका लेख बहुत ही अच्छा लगा और ये जानकर बहुत खुशी हुयी कि आप भी मेरे ही ख्याल के आदमी हैं ।<br /><br />बेटी के मुकाबले बेटा पाने की चाहत वाक़ई अक्सर लोगो में पायी जाती है । हाँलाकि हम लोग अक्सर देखते हैं कि बेटियाँ अपने माता-पिता को बेटों से ज़्यादा प्यार करती हैं लेकिन फ़िर भी लोग भ्रूण हत्या जैसे घृणित कार्य के लिये कैसे तैय्यार हो जाते हैं । मैं Dr. Munish से सहमत हूँ कि इसको कम करने का सही रास्ता जागरूकता और सख्त कानून ही है ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-66254410435521271392009-04-20T00:15:00.000-05:002009-04-20T00:15:00.000-05:00उम्दा पोस्ट !
शुरूआती संवाद बहुत ही मजबूत लगा मुझे...उम्दा पोस्ट !<br />शुरूआती संवाद बहुत ही मजबूत लगा मुझे.. कमाल का है.. <br /><br />महिलाओ का अनुपात वाकई विचारणीय है.. लोगो की मानसिकता पता नहीं कब बदलेगी.. दुःख इस बात का है कि कुछ लोग महज चंद पैसो की खातिर इस तरह के कामो को अंजाम देते है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-44215971398230222132009-04-19T23:58:00.000-05:002009-04-19T23:58:00.000-05:00भ्रूण हत्या: भारतीय मानस की बेटे के प्रति चाहत की ...भ्रूण हत्या: भारतीय मानस की बेटे के प्रति चाहत की दोड़ यही से शुरू होती है. जागरूकता, सखत कानून : यही रास्ता है इसे कम करने का.not neededhttps://www.blogger.com/profile/17780210127869685473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5310871667756610125.post-76466902695078537942009-04-19T23:06:00.000-05:002009-04-19T23:06:00.000-05:00haryana aur punjab ke logon ko to sharm se doob ...haryana aur punjab ke logon ko to sharm se doob kar mar jana chahiye ...jo baatein to badi badi karte hain ...aur kaam itna gira hua ....sabse jyada ameer aur padhne likhne wale bhi hain ...phir bhi sharmsar kar dete hain ..अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com