पिछले भाग में आपने देखा कि चीन क्या-क्या तैयारियां कर रहा है ओलंपिक खेलों में आतंकियों से निपटने के लिए। आज देखते हैं की तुर्की ने क्या कदम उठाये हैं आतंकवाद के ख़िलाफ़।
कुछ दिन पहले तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में बम विस्फोट हुए थे जिनमें कुछ लोग मारे गए थे। तुर्की का अनुमान था कि ये विस्फोट इराक के कुछ आतंकवादियों ने किए थे। आज ख़बर मिली है की तुर्की सेना के विमानों ने इराक में रह रहे इन आतंकवादियों के अड्डों पर बम बरसाए हैं। गौर करने लायक बात है की इराक में अमेरिकी सेना भी मौजूद है, और उन्होनें तुर्की को कोई भी सैन्य करवाई करने से मना किया था। लेकिन अपने देश के हित में तुर्की ने उस चेतावनी को नज़रंदाज़ करते हुए आतंकियों के ऊपर बम बरसा दिए हैं।
अहमदाबाद और बेंगलुरु में भी तो विस्फोट हुए थे। फिर क्या हमारी सरकार ने आतंकियों पर बम बरसाए?
हम क्यों इतने नाकारा हो गए हैं?
सरदार पटेल, कहाँ हो? कृपया वापस लौट आओ स्वर्ग से, भारत को तुम्हारी आवश्यकता आन पड़ी है।
मंगलवार, 29 जुलाई 2008
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2 टिप्पणियां:
अनिल भाई, जब तालेबानी हमारे जहाज़ को हमारे लोगों समेत ले गए थे हमने तब बम नहीं बरसाए तो आज क्या बरसाएंगे? एक ज़माना था भारत के नेताओं में इच्छाशक्ति नाम की कोई चीज़ होती थी - आज बोलें तो पूछेंगे - यह किस चिडिया का नाम है?
वोटबैंक भी एक चीज है.
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