सोमवार, 14 जुलाई 2008

जब तिरंगा झंडा फहराना जुर्म था

ये कोई ब्रिटिश राज की कहानी नहीं है। भारत में आम जनता द्वारा तिरंगा फहराना हाल ही तक जुर्म था।

बचपन में मैं कई बार सोचा करता था, कि अपने देशप्रेम को बढ़ावा देने के लिए मुझे तिरंगा झंडा अपने घर पर फहराना चाहिए। मेरे शिक्षक महोदय ने बताया कि बेटा ऐसा करना जुर्म होगा। सिर्फ़ सरकारी संस्थान और उनसे जुड़े लोग हमारे देश का तिरंगा झंडा फहरा सकते हैं। ये सुन कर मेरा छोटा सा मन कुढ़ कर रह गया।

फिर मैं बड़ा हो गया, और भारत से बाहर निकलने का मौका मिला। विदेश में जहाँ भी मैं गया, लोग बड़े गर्व से अपने देश और राज्यों का झंडा अपने घर पर, दफ्तर में, वाहनों पर, और कभी कभी अपने शरीर पर दर्शाते दिखे। जब भी मैं उनको देखता था, मुझे अपने बचपन की इच्छा अभी भी याद आती थी। क्यों नही फहरा सकता मैं अपने ही देश का झंडा? क्योंकि मैं सरकारी नहीं हूँ इसलिए? दूसरे देश के किसी आदमी को ये जवाब देते हुए कैसा लगता होगा भारतीय लोगों को?

मैं अकेला नहीं था, और भी थे जो तिरंगे को अपने घर पर फहराना चाहते थे।

फिर आख़िर २००२ में नवीन जिंदल ने तिरंगा अपने घर की छत पर फहरा ही लिया। जानना चाहेंगे फिर क्या हुआ? वही हुआ जो किसी देश की देशभक्त पुलिस करती - जिंदल को गिरफ्तार कर लिया गया, राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने के जुर्म में! विश्वास नहीं होता न? सच कह रहा हूँ भाई, दिल्ली हाई कोर्ट से पूछ लो। मामला अदालत तक पहुँचा - जिंदल ने कहा की अपने देश के प्रति प्रेम व्यक्त करने के लिए वह देश का झंडा फहराना चाहते हैं। उन्होनें ये भी कहा की अगर कानून ऐसा करने से उनको रोकता है तो कानून को बदल देना चाहिए।

ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट से निकल कर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुँचा। हाई कोर्ट के वकीलों और जज भी जिंदल की अभिव्यक्ति का कोई जवाब नहीं दे पाए। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से फैसला करने की अपील की। भारत सरकार ने एक समिति बिठाई। निर्णय लिया गया कि २६ जनवरी २००२ से सभी लोग अपने घर पर तिरंगा झंडा साल के किसी भी दिन फहरा सकेंगे, लेकिन झंडे का पूरा सम्मान करना होगा।

क्या आप जानते हैं की झंडे का सम्मान कैसे कर सकते हैं?

    * तिरंगे को कभी भी उल्टा न फहराएं
    * तिरंगे को कभी भी ज़मीन या पानी पर न गिरने दें।
    * न ही इसका मेजपोश बनाएं
    * मंच पर न बिछाएं
    * तिरंगे से किसी मूर्ती, ईमारत या किसी भी अन्य वस्तु को न ढकें
    * तिरंगे में सिर्फ़ फूलों और फूलों की पत्तियों को लपेटा जा सकता है, और किसी भी वस्तु को नहीं
    * तिरंगे को अपने परिधान में लगा सकते हैं, लेकिन कमर से ऊपर रखें
    * तिरंगे के चड्डी बनियान न बनाएं, जेल हो जायेगी
    * तिरंगे से तकिये के कवर बनाना मना है
    * मौसम चाहे कैसा भी हो, तिरंगे को सूर्योदय पर फहराएं और सूर्यास्त होने पर वापस उतर लें
    * आमतौर पर किसी को भी तिरंगे को रात में किसी इमारत पर नहीं फहराना चाहिए
    * झंडे पर कुछ भी लिखना सख्त मना है
    * फटा हुआ या गन्दा तिरंगा फहराना मना है, नया झंडा लेकर फहराएं
    * पुराने तिरंगे को या तो चिता की तरह जला दें, या उसे ज़मीन में गाड़ दें
    * तिरंगे झंडे की छड़ी पर कोई और झंडा कतई न फहराएं
    * आम आदमी तिरंगे को अपनी गाड़ी पर नहीं फहरा सकता है, ये अधिकार अभी भी सिर्फ़ सरकारी लोगों को है।

तो क्या आज आप अपने घर पर तिरंगा फहरा रहे हैं?

1 टिप्पणी:

राज भाटिय़ा ने कहा…

जब मे पिछली बार परिवार के साथ आया तो अपने देश का झण्डा खादी आश्रम से ओर खादी का झण्डा लाया था जो मेरे बच्चो ने अपने कमरे मे लगा रखा हे,ओर भाई झण्डे का, देश का, मान दिल से करो, बाकी सब तो बाते कहने की हे, जब इतनी पाबन्दिया हो गी तो कोई ना तो मान करे गा, ओर ना ही प्यार, मेरी तमन्ना हे भारत की हर छत पर इस तरंगे को देखू.धन्यवाद एक अच्छी खवर के लिये.