एक डरा हुआ मासुम, जो पुछता हे क्यो हमे बम्बो से, गोलियो से मारा जाता हे, क्यो हम से गुलामो की तरह से हमारा बचपन छीन कर काम करवाया जाता हे,क्यो हमे बेचा जाता हे.
एक चौंतीस वर्षीय साधारण भारतीय युवक, जिसे वक्त के थपेड़ों ने संयुक्त राज्य ला पटका। देश की मिट्टी माथे पर लिये घूमता हूँ। सौ पढ़ता हूँ, एक लिखता हूँ। पेशे से चिकित्सक, धर्म है भारत। तकनीकी विषयों पर माथापच्ची करने में भी रुचि रखता हूँ। चाय बहुत अच्छी बनाता हूँ, कभी आइयेगा!
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कार्टून साभार: राहुल
6 टिप्पणियां:
कोई गुमनाम है ये
गुमसुम सा देखता है
अपनी पहचान खोजता है
बिना मतलब ,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
के नाम से बदनाम है ये
फरिशता
"ek maasum, is duniya se bekhbar, jaat paat se anjaan, shayad hr ek inssan kee aatma ka ek svrup"
Regards
यह परम सत्य है-ब्रह्म!!! ईश्वर-अल्लाह-प्रभु-ईशु जिस नाम से चाहो पुकार लो!!!
एक डरा हुआ मासुम, जो पुछता हे क्यो हमे बम्बो से, गोलियो से मारा जाता हे, क्यो हम से गुलामो की तरह से हमारा बचपन छीन कर काम करवाया जाता हे,क्यो हमे बेचा जाता हे.
जो भी है, बहुत प्यारा है
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