बुधवार, 11 मार्च 2009

मुस्कुराहट अभियान जारी हो!

कहते हैं कि मुस्कुराहट बुरी से बुरी स्थिति को अच्छा बनाने की ताकत रखती है। इस गुर को मैं कई विकट परिस्थितियों में आजमा चुका हूँ। जहाँ लड़ने से भी काम नहीं चलता वहाँ एक छोटी सी मुस्कुराहट काम कर जाती है। मुस्कुराते हुये लोग न सिर्फ खुश, अपितु सुंदर भी दिखते हैं। मुश्किलों में मुस्कुराना साहस का भी प्रतीक समझा जाता है।

कई महीनों से हिंदी चिट्ठों की दुनिया में गोते लगा रहा हूँ। चिट्ठे पढ़ने के साथ-साथ लोगों की तस्वीरों पर भी गौर कर रहा हूँ। हालाँकि मेरा मानना है कि अधिकांश चिट्ठाकार जीवन से खुश हैं, लेकिन कईयों की तस्वीरें देखकर कुछ और ही लगता है। तस्वीर से मुस्कुराहटें बिलकुल गायब-सी दिखती हैं। अरे भाई थोड़ा सा मुस्कुरा देते तस्वीर खिंचाते हुये तो आपका क्या चला जाता? देखने वाला भी आपको मुस्कुराता देखकर थोड़ा मुस्कुरा लेता।

चलिये बहुत सारे शब्द उड़ेल दिये आप पर। अब खुद ही देख लीजिये एक मुस्कुराता हुआ चेहरा:




कैसा लगा?

अपने चिट्ठे पर लगी तस्वीर को दोबारा देखिये। यदि मुस्कुरा नहीं रहे हैं तो मुस्कुराते हुये एक नया फोटो खिंचाइये! आज ही अपनी तस्वीर को बदल डालिये, ताकि दुनिया को आपकी सुंदर मुस्कुराहट के दर्शन हों!

5 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

sahi kaha ek muskan jeevan badal de,sunder post sunder tasverr:):)

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बिलकुल सही कह रहे हैं...जीवन में जो मुस्कुराया नहीं समझिये वो जिया ही नहीं...एक मुस्कराहट ही तो हमें जानवरों से अलग करती है...मेरे ब्लॉग पर देखें हम किस तरह एक होली वाली पोस्ट पर मुस्कुरा रहे हैं....(ये अलग बात है की बहुत से लोग उस फोटो को अपनी बता रहे हैं)
नीरज

Unknown ने कहा…

हंसो भई पूरी बत्तीसी दिखा के हंसो , डाक्टर भी यही कहते हैं और आप भी । बहुत सही मैं भी हंसता हूँ आपके साथ । हा हाहा , हा।

Anil Kumar ने कहा…

प्रशंसा के लिये सभी का धन्यवाद. आशा है जीवन भर आप सभी मुस्कुराते रहें. नीशू जी मैं वैसे पेशे से डाक्टर ही हूँ!

ghughutibasuti ने कहा…

अपना फोटो तो नहीं एक बत्तीसी का लगाने की कोशिश करेंगे।
घुघूती बासूती