एक चौंतीस वर्षीय साधारण भारतीय युवक, जिसे वक्त के थपेड़ों ने संयुक्त राज्य ला पटका। देश की मिट्टी माथे पर लिये घूमता हूँ। सौ पढ़ता हूँ, एक लिखता हूँ। पेशे से चिकित्सक, धर्म है भारत। तकनीकी विषयों पर माथापच्ची करने में भी रुचि रखता हूँ। चाय बहुत अच्छी बनाता हूँ, कभी आइयेगा!
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कार्टून साभार: राहुल
3 टिप्पणियां:
धन्यवाद
शुरु -शुरु में मैं भी ऐसा ही सोचता था।
सिर्फ शुरू-शुरू में? याने अब नहीं सोचते आप ऐसा? क्यों भई? तनिक बतायें तो सही!
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