एक चौंतीस वर्षीय साधारण भारतीय युवक, जिसे वक्त के थपेड़ों ने संयुक्त राज्य ला पटका। देश की मिट्टी माथे पर लिये घूमता हूँ। सौ पढ़ता हूँ, एक लिखता हूँ। पेशे से चिकित्सक, धर्म है भारत। तकनीकी विषयों पर माथापच्ची करने में भी रुचि रखता हूँ। चाय बहुत अच्छी बनाता हूँ, कभी आइयेगा!
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कार्टून साभार: राहुल
6 टिप्पणियां:
ठीक कह रहे हो, लेकिन यह दोनो तो भगवान की दया से बहुत खुश हे, ओर रहे भी यही दुया हे मेरी भगवान से, धन्यवाद
haay hamein bhee dushmanee manjoor hai aur ham to poore mohalle se karne ko taiyaar hain magar ghar ke shatru se pehle paar paayein tab na
हा हा!! बहुत मजेदार!!
जी उदास न करें दुनिया इतनी बुरी भी नही है
बात में दम तो है। सस्नेह
इस सदी के महानतम विचार।
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