सोमवार, 25 अगस्त 2008

कब छोड़ोगे मूर्खता और अन्धविश्वास का साथ



भारत की ७० फीसदी आबादी पढ़-लिख सकती है। लेकिन इनमें से कितने वाकई शिक्षित हैं, इसपर सवालिया निशान उठते रहते हैं। हाल ही में पुणे शहर में किसी व्यक्ति ने SMS के ज़रिये एक अफवाह फैलाई, कि फिर से आंशिक चंद्र-ग्रहण होगा, और जो इसको नहीं देखेगा, उसको घोर दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन दुष्परिणामों की लिस्ट में मौत भी शामिल थी। किसी गाँव की बात नहीं है, पुणे शहर की बात है।

सारा पुणे शहर चंद्र-ग्रहण की तयारी में जी-जान से जुट गया। रात भर लोग अपने अपने घरों की छतों पर चढ़कर चाँद के दीदार करते रहे, कि अब ग्रहण लगा। पुलिस गली-गलियारों में घूम-घूमकर भोंपू पर चिल्लाती रही कि यह सब अफवाह है, कृपया सो जायें। वह अलग बात है कि भोंपू की जोरदार आवाज़ सुनकर सोते हुए भी जाग गए होंगे। और अगले दिन काम पर न जाने की वजह से पूरे शहर को जो आर्थिक नुकसान हुआ होगा, उसका अब आप ही अंदाजा लगायें।

दुनिया को शिक्षा का मार्ग दिखने वाले भारत के निवासियों, कब जागोगे तुम? कब छोड़ोगे मूर्खता और अन्धविश्वास का साथ? चेतावनी दे रहा हूँ, जल्द ही छोड़ दो। नहीं तो - - -

8 टिप्‍पणियां:

Anwar Qureshi ने कहा…

अच्छी पोस्ट है आप की शुक्रिया ...

राज भाटिय़ा ने कहा…

अरे वाह, क्या खबर हे, मजा आ गया सारे उल्लु सारी रात जागे, :)

बेनामी ने कहा…

लोगो का क्या कहें? ये तो sms की बात हुई......उनका क्या कहें, जो कंप्यूटर का इस्तेमाल करना जानते है, और अंतरजाल पे गोते भी लगाते है.....वो भी ऐसे वाहियात मेल, जिसमे कहाँ जाता है की अगले १० लोगो को भेजने पे मनोकामना १ दिन में पूरी होगी को बिना सोचे समझे forward करने से बाज़ नही आते है.......

Asha Joglekar ने कहा…

sahmat hoon upari comments se.

बेनामी ने कहा…

मैंने भी मजे मजे में एक देवी माँ चेन ई मेल बना कर दस बीस कोलेज जूनियर्स को भेज दी, कुछ इंजीनियरिंग के मेधावी स्टूडेंट्स ने तुंरत ही पन्द्रह बीस फॉरवर्ड कर डाले! हां, तुंरत डिलीट क्लिक करने वाले ज़्यादा थे.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

उलूकों की नगरी लग रही है पुणे, आप के पोस्ट से। पर यह भी कि यह अफवाह देश भर में फैल जाती तो पूरा देश ही ऐसा ही नजर आता।

Arvind Mishra ने कहा…

हाँ अनिल जी यह देश ऐसा ही है कई युग एक साथ जीता हुआ .जब आज भी यही लोग मानते हैं कि ग्रह राहू केतु के कारण होते हैं तब तो ऐसी बातें सहज ही हैं -अभी एक और अफवाह उड़ रही है -चाँद और मंगल करीब आ रहे हैं ?ईस देश में वैज्ञानिक साक्षरता ५ फीसदी भी नही है .

शोभा ने कहा…

वाह बहुत सुंदर. विचारों का प्रवाह प्रभावी है.