गुरुवार, 21 अगस्त 2008
दर्शन करें उस मैदान के जहाँ अखिल, विजेंदर और जीतेन्दर ने बोक्सिंग सीखी
देखें भिवानी के उस अखाड़े को जहाँ के मुक्केबाजों ने देशभर में तहलका मचा दिया है। इतनी बुरी परिस्थितियों में उन्होंने अभ्यास किया है। लेकिन फिर भी उनके हौसले को देखें। क्रिकेट पर लगने वाले कुल पैसे का यदि १ प्रतिशत भी इनपर लगाया जाए, तो कितने स्वर्ण पदक आ सकते हैं भारत के झोली में!
(ऊपर बनी फोटो के बीच में बना त्रिकोणीय बटन चटकाएं, विडियो अपने आप चल जाएगा। यदि दिक्कत हो तो यहाँ चटकाएं )
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4 टिप्पणियां:
इन नौजवानों के फन को और कुछ कर गुज़रने के ज़ज्बे को हिंदी चिट्ठाजगत के सभी खिलाडियों का सलाम.......अनिल जी, फोटो तो मुझे यहां दिखी नहीं लेकिन हम लोग भली भांति अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किन हालातों में इन शेरों ने अपने फन को तराशा होगा। इन को , इन के परिवार वालों, इन के गांव वालों को बहुत बहुत बधाईयां....कल भिवानी में इन के गांव के लोगों का उत्साह बेहद भावुक कर देने वाला था।
चलिये प्रार्थना करें कि विजेन्दर की मेहनत और भी रंग लाये और वह हमारे गले में सोने का पदक पहनाये.....अनिल भाई, ऐसा ही लगता है ना कि जब किसी भारतीय के गले में कोई पदक इन समारोहों के दौरान पहनाया जा रहा होता है तो इस देश के 100 करोड़ लोगों को यही लगता है कि यह तो उसे ही पहनाया जा रहा है।
कल विजेन्दर की माता का मीडिया का यह कहना कि इस को गोल्ड ही समझो ....बिल्कुल सही है, यह तो गोल्ड से भी कई गुणा उत्तम है....वैसे गोल्ड भी आ ही जायेगा अगर सारे देश की शुभकामनायें और विजेन्दर के टेलेन्ट का जादू चल जायेगा।
धन्यवाद।
प्रवीण जी माफ़ी चाहूँगा कि आप यह विडियो नहीं देख पाए. विडियो देखने के लिए विडियो के बिल्कुल बीचोंबीच बना त्रिकोणीय बटन चटकाएं. यदि फिर भी नहीं देख पा रहे हों तो कह डालें, मैं आपको ईमेल से विडियो भेज दूँगा.
ये लोग सच में हमारे hero है........इन्होने जिन परिस्थिति में मेहनत करके इतने आगे तक गए, और भारत का नाम रौशन किया, उसकी जितनी भी तारीफें की जाए, कम है!
अफ़सोस ज्यादातर भारतियों का क्रिकेट उन्माद आज भी ख़तम नही हुआ........जिस खेल में दुनिया भर के भ्रष्टचार के आरोप लगे हो, जिसमे भारत को सम्मान बिरले ही मिला हो, उस खेल के पीछे पूरा देश पागल है........
ये गाँव के मुक्केबाज़, जिन्होंने सारे मुश्किलों के बावजूद देश का नाम रौशन किया, कम से कम अब कुछ लोगो के लिए प्रेरणा स्त्रोत तो बनेंगे ही.........भारत सरकार ने भी दिल खोल के उपहार बाटें, यह भी सराहनीय है........सराहना के बिना प्रतिभा भी कुंद हो जाती है, भारत सरकार ने उपहारों में कंजूसी न बरतकर इन प्रतिभाओं को और उर्जा से भर दिया है.
इन खिलाड़ियों को सलाम!
आभार!
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