बुधवार, 22 अप्रैल 2009

पासवर्ड की चोरी की रोकथाम


कल मुसाफिर जाट जी का पासवर्ड हैक हो गया। पूरी कहानी बहुत भयावह है। यह किसी के साथ भी हो सकता है। आपके साथ भी, मेरे साथ भी। सोचिये यदि आपके ब्लाग का पासवर्ड कोई हैक कर ले और ऊल-जुलूल पोस्ट और टिप्पणियाँ आपके नाम से डालने लगे तो जूते खाने तक की नौबत आ सकती है। इसलिये जनहित में पासवर्ड चोरी होने से बचने के नुस्खे बता रहा हूँ, आशा है आप सबके काम आयेंगे।

1) अपना पासवर्ड भूल कर भी किसी को न दें: कुछ दिन पहले एक सज्जन का ब्लाग बिगड़ गया, और उन्हें सुधारना नहीं आया। वे मेरे ब्लाग के नियमित पाठक हैं। तो उन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे सीधे मुझे अपने ब्लाग का पासवर्ड भेज डाला, और साथ में निवेदन "कृपया समय मिले तो मेरी परेशानी ठीक करें"। मानता हूँ कि मेरा ब्लाग पढ़ने के बाद उनको मुझपर भरोसा था, लेकिन ऐसे ही किसी को अपना पासवर्ड भेज देना बुद्धिमानी नहीं। मजाक में कह रहा हूँ, यदि भगवान भी आकर मुझसे मेरा पासवर्ड मांगेगा तो नहीं दूंगा। लेकिन मजाक की भी एक गंभीरता होती है, उसे समझें।

2) पासवर्ड कहीं लिखकर हरगिज न रखें: एक बार मैंने दिल्ली में एक दुकान से चने-मुरमुरे खरीदे। दुकानदार ने कागज के लिफाफे में दिये - ऐसे लिफाफे अकसर पुरानी कापी-किताबों के पन्नों से बने होते हैं। लिफाफे पर एक जनाब का ईमेल पता और पासवर्ड लिखा हुआ था। मैंने उन्हें तुरंत ईमेल करके उन्हें इससे अवगत कराया। वे चेन्नई में रहते थे। लेकिन उनकी कापी वहाँ से दिल्ली तक आकर लिफाफे में कैसे तब्दील हुयी, इसपर हम दोनों हैरत में थे। अपना ईमेल और पासवर्ड दोनों एक साथ कभी भी न लिखें।

3) पासवर्ड ऐसा रखें कि कोई अनुमान न लगा सके: पासवर्ड खाते के नाम से अलग होना चाहिये, आपके नाम से भिन्न होना चाहिये, उसमें अपनी जन्मतिथि, पिताजी या माताजी का नाम, फोन नंबर इत्यादि कभी न डालें। ये सभी सूचनायें आपके करीबी लोग जानते हैं, और कभी भी आपका पासवर्ड हैक कर सकते हैं।

4) जिसका पासवर्ड हो, उसी साइट पर प्रयोग करें: एक बार किसी ने ईमेल पर एक मजेदार विडियो भेजा। विडियो के पन्ने पर लिखा था कि इस विडियो को अपने सभी दोस्तों को भेजने के लिये अपना ईमेल और पासवर्ड डालें। अरे नहीं भाई, ऐसा कभी न करें! यदि कर दिया तो उस साइट को आपका पासवर्ड मिल जायेगा, और फिर वे उसका कुछ भी कर सकते हैं। यहाँ तक कि वे आपका पासवर्ड बदलकर आपको अपने ही ईमेल से बेदखल कर देंगे! तो भई गूगल का पासवर्ड गूगल की ही साइटों पर डालें (गूगल की सभी साइटों की सूची यहाँ है)।

5) पासवर्ड चुनने में अक्षर और अंक दोनों का प्रयोग करें: इससे हैक करने वालों को काफी दिक्कतें होती हैं और वे हताश होकर आपके पासवर्ड की हैकिंग रोक भी सकते हैं।

6) किसी अनजान कंप्यूटर पर लॉगिन करने से बचें: कई लोग अपने कंप्यूटर पर पासवर्ड चोरी करने वाले प्रोग्राम डालकर रखते हैं, ताकि कोई और उनका कंप्यूटर इस्तेमाल करे तो उनका पासवर्ड उन्हें मिल जाये। छात्रावासों में तो यह आम बात है! इंटरनेट कैफे में भी आपको क्या पता कि कंप्यूटर पर क्या-क्या प्रोग्राम डाले गये हैं? जहाँ तक संभव हो, एक ही कंप्यूटर पर काम करें जिससे कोई और छेड़छाड़ न कर पाये। यदि किसी और के कंप्यूटर पर काम करना भी पड़े तो वापस अपना कंप्यूटर मिलते ही तुरंत पासवर्ड बदल दें।

7) अपना पासवर्ड हर साल बदलते रहें: जब भी आप अंतरजाल पर कहीं पासवर्ड डालते हैं, तो न जाने कितने ही देशों से गुजरता हुआ आपका पासवर्ड गंतव्य स्थल पर पहुँचता है। कहीं भी शैतानी करने वाले लोग मिल सकते हैं जो आपके पासवर्ड को "कैच" करने के लिये जाल बिछाकर बैठे रहते हैं। अपने पासवर्ड के कदमों के निशान मिटाने के लिये अपना पासवर्ड बदलते रहें। मैं हर साल अपने जन्मदिन पर अपने सभी पासवर्ड बदल देता हूँ।
8) विंडोज़ छोड़कर लिनक्स की ओर जायें: माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज़ (XP, Vista) इस्तेमाल करने वालों को हैकिंग के बहुत खतरे रहते हैं। इसकी तुलना में लिनक्स और मैक सिस्टम में हैकिंग का नगण्य खतरा है। अतः आज ही लिनक्स को इस्तेमाल करने के बारे में सोचें। लिनक्स में सभी भारतीय भाषाओं को इस्तेमाल करने की पहले से ही व्यवस्था है। शुरुआत उबुंतू नामक लिनक्स से हो सकती है।

जैसे आप अपने घर की हिफाजत ताला लगाकर करते हैं, वैसे ही अपनी अंतरजालीय जिंदगी पर भी पासवर्ड-रूपी ताले की देखभाल करें।

इतना सब करने के बाद यदि पासवर्ड चोरी हो ही गया तो? ... यह अगली किस्त में!

23 टिप्‍पणियां:

jamos jhalla ने कहा…

oopyogi jankaari hai.saadhuvaad

अबयज़ ख़ान ने कहा…

धन्यवाद दोस्त, आपके कमेंट्स ने मेरे हौसले को और भी दोगुना कर दिया। आगे भी इसी तरह की टिप्पणी का इंतज़ार रहेगा। और हां अब मेरा पास्वर्ड कभी चोरी नहीं हो पाएगा।

not needed ने कहा…

बढ़िया. उबुन्तु मैं ऐसा क्या है की हैकिंग की सम्भावना नयूनतम है?

Vinay ने कहा…

यह तो first aid है भाई, और लाइनेक्स वाली बात सही नहीं... क्योंकि कोई भी OS safe नहीं है क्योंकि common user के लिए सब OS बराबर हैं।

लेकिन अच्छा प्रयास!

Alpana Verma ने कहा…

achchee jankari hai..

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

इसमें कुछ जोड़ना चाहूँगा
१. लीगल सॉफ्टवेर का उपयोग करें और रेगुलर अपडेट करते रहे
२.एक अछे antivirus /antispam programme ka upyog karein , इसे भी autoupdate होने दें .
३. अपना पासवर्ड थोडा बड़ा और अक्षरों, अंको और विशेष characters $ * का उपयोग करें
४. आजकल सोशल नेट्वर्किंग साइट्स भी वाइरस और hacking का खतरा बनते जा रहे हैं , इन साईट को सम्हाल के इस्तेमाल करें क्योंकि पिक्चर और विडियो से भी hacking हो सकती है . इन साईट पर अपने ईमेल id का पासवर्ड न दें .

Himanshu Pandey ने कहा…

आपकी प्रविष्टि और उस पर आयी टिप्पणियों के माध्यम से काफी जानकारी मिल गयी । शायद मैं भी अपना पासवर्ड बचा सकूँ ।

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत जानकारी मिली ..

Unknown ने कहा…

विभिन्न साईटों पर कई जगह रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है, सभी का पासवर्ड कैसे याद रखें इस पर भी एक पोस्ट लिखें… जाहिर है कि ईमेल वाला पासवर्ड तो सिर्फ़ ईमेल के लिये उपयोग करता हूँ, लेकिन कई बार कई जगह रजिस्ट्रेशन करने के बाद भूल जाते हैं कि किस साईट पर कौन सा पासवर्ड डाला था… उसके लिये क्या किया जा सकता है?

mehek ने कहा…

bahut hi badhiya jankaari.

बेनामी ने कहा…

bahaut hi accha artixal hai.

डॉ .अनुराग ने कहा…

thanks dear....

अभिषेक आर्जव ने कहा…

नुस्खे काम के हैं ! आगे से ध्यान देगे !
ब्लॉग पर आने व प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद ! फोटुए देखनी हो तो आर्कुट पे आइये !

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद!

सुशील छौक्कर ने कहा…

अच्ची जानकारी। अगली पोस्ट का इंतजार। और हाँ अनिल जी Ubuntu के बारे में थोडी और जानकारी दे। कि क्या विडो के साथ साथ प्रयोग कर सकते है। कही ऐसा तो नही कुछ साईट वहाँ पूरी तरह ना खुलती हो। जैसे यूटयूब के विडियो लोड करने के लिए एक्सपोलर पर ही जाना पडता है। और भी कुछ जानकारी। वैसे अगली पोस्ट का इंतजार।

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

उपयोगी जानकारी के लिए आभार।

बेनामी ने कहा…

अच्छी जानकारी।

उबंटू की सीडी मंगवा रखी है, महीनों पहले। कल ही ईंस्टाल कर देखता हूँ।

सुशील कुमार छौक्कर जी की बात थोड़ी हैरत में डालती है कि यूटयूब के विडियो लोड करने के लिए एक्सपोलर पर ही जाना पडता है!

बेनामी ने कहा…

anil ji,

aapka blog padha. iske bare me hindustan patna me chapa tha. vistrit roop se. vahin se aapka pata bhi mila.

aapaka prayas prasansaniye hai.
mere email id hai--
kumarbypatna@gmail.com
bnapatna@gmail.com
mob- 09304170154

birendra yadav patna

naresh singh ने कहा…

बहुत ही काम की जानकारी दी है । इससे बहुत से साथी बलोगरो का भी भला हो जायेगा । आपका बहुत बहुत आभार ।

Neetesh ने कहा…

अच्छी जानकारी.....मैं तहे दिल से चाहता हूँ की भारत में Linux OS की जानकारी बढे. न केवल यह सुरक्षित है, बल्कि १००% मुफ्त भी है! Orignal softwares के दाम पश्चिमी देशो को ध्यान में रख कर निर्धारित किये जाते है, जिसे खरीद पाना एक आम भारतीय के लिए असंभव हो जाता है......ऐसे में भारतीय pirated softwares इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो जाते है.
ऐसी परिस्थितियों में Linux भारतीय परिवेश के लिए और अधिक ज़रूरी है जो की एक आम भारतीयों न केवल मुफ्त में software प्रदान करता है, बल्कि यह स्वाभिमान भी दिलाता है की हम कोई भी pirated software इस्तेमाल नहीं करते है.

अनूप शुक्ल ने कहा…

अच्छी जानकारी है। शुक्रिया!

Everymatter ने कहा…

knowledgeable

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद