गूगल बाबा द्वारा दी गयी मुफ्त चैट सुविधा अपने ब्लाग में लगाने के पश्चात कल सुरेश चिपलूनकर जी से अनायास-ही बात हुयी। चैट करते-करते एक सवाल आया, कि "आपके चिट्ठे का नाम इतना अजीब क्यों है? xn--l1b4e4a1c.blogspot.com"
मै कई महीनों से यह राज़ अपने ही भीतर छिपाये बैठा हूँ, आज जग-जाहिर किये देता हूँ।
आप अपना चिट्ठा हिंदी में लिख सकते हैं, लेकिन चिट्ठे का अंतरजालीय पता अभी भी अंगरेजी में लिखना पड़ता है। उदाहरण के लिये anil.blogspot.com. लेकिन कुछ अरसे पहले अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में भी पते लिखने की तकनीक ईजाद की गयी थी। तो मैंने भी हिंदी में अपना पता लिखा था। लेकिन फायरफॉक्स और इंटरनेट एक्सप्लोरर हिंदी की कक्षा में सदियों से फेल होते आ रहे हैं, सो उनमें यह दिखायी देता है:
देखिये ब्लाग का पता कितना वाहियात दिख रहा है - xn--^%bcc वगैरह-वगैरह।
चलिये इसी ब्लाग को सफारी ब्राउजर में खोलकर देखते हैं:
अरे यह क्या? ब्लाग के पते में मेरा नाम हिंदी में कैसे आ गया? यही है सफारी का कमाल! ओपेरा में भी इस ब्लाग का नाम हिंदी में ही दिखायी देता है (जानकारी साभार: रवि रतलामी)।
यह हुआ IDN conversion tool से। इस टूल के पन्ने पर बस हिंदी में लिखे हुये शब्द बांयीं ओर डालकर "Encode" बटन दबा दें। दायीं ओर उभरने वाले अक्षर ही इसका अंगरेजी रूपांतरण है। फिर इसी वाहियात-से दिखने वाले पते को अपनी साइट या ब्लाग के अंतरजालीय पते में डाल दें, और सफारी या ओपेरा ब्राउजर से उसका आनंद लें। या फिर अगले साल आने वाले फायरफॉक्स के नये संस्करण का इंतजार करें, जो हिंदी में लिखे गये पतों को हिंदी में ही दिखायेगा!
अपना पता अभी सुरक्षित कर लें!
ध्यान रहे कि ऐसा आप ब्लागर में कर सकते हैं, और अपने निजी खरीदे गये डोमेन में भी। लेकिन वर्डप्रैस फिलहाल इन अक्षरों को स्वीकार नहीं करता। (जानकारी साभार: कौतुक)
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सोमवार, 20 अप्रैल 2009
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15 टिप्पणियां:
आप यह वर्डप्रेस में नहीं कर सकते.
बहुत ही सुंदर जानकारी. आभार.
ओपेरा में भी यह http://अनिल.blogspot.com/ दिखाई देता है :)
बढिया जानकारी.
रामराम.
आपने तो छक्का ही मार दिया, वो भी गूगली बाल पर.
हमारे सुपुत्र भी, ये तीन डोमेन लिए बैठे हैं, ढ़ाई साल से!
www.xn--h2brhccm3fsa9d.com
www.xn--i1b6b9cubb8g.com
www.xn--l1bi1dtdko7fb.com
बहुत बढ़िया जानकरी , आज इस विचित्र युअरल का सही मतलब पता चला !
:)
आभार आपका। आज ही इस ब्राउजर को डाउनलोड कर देखता हूं।
यह जिज्ञासा मैंने भी तो की थी . सफारी भी तो प्रयोग करता हूँ. उसमें आपका यह ब्लॉग शायद नहीं खोला होगा . अब इंतजार है नए फायरफोक्स का, जो हिंदी पते को हिंदी में दिखाए. धन्यवाद .
सफ़ारी मेरा पसंदीदा ब्राउज़र तो है ही,
इसका रिच टेक्स्ट अनुभव वड़ा आराम देता है !
एण्ड इट इज़ आलवेज़ सेक्यूर ,
आपके पते का अटपटापन मैनें तो नोट किया था,
इसकी विधि भी पता है.. अपने पहले ब्लाग के हैक होने के बाद मैंनें ऎसा ही यू आर एल प्रयोग भी किया,
किन्तु मित्रों का आग्रह रहा कि वह इसे याद नहीं रख पाते..
कोई सुझाव ?
तो.. आप तीसरे डाक्टर मिले, ब्लागरों की ज़मात में ?
achchhi jaankaari di ...shukriya
आपकी तकनीकी बातें मुझ अज्ञानी की समझ में नहीं आयीं. मेरे सिस्टम में आपकी पोस्ट में केवल डॉट डॉट दिखाई दे रहे हैं लेकिन नीचे ११ टिप्पणियाँ देवनागरी में पढा जा रहा है. उसको क्लिक करने पर मूल पोस्ट दिखाएं ऑप्शन पर जा कर आपकी पोस्ट पढ़ पाया हूँ. इसका कारण बता सकें तो कृपा होगी.
कौतुक जी, आपने ठीक कहा, ऐसा वर्डप्रैस में नहीं किया जा सकता। रवि रतलामी जी भी ठीक कहते हैं, ओपेरा भी हिंदी पतों को स्वीकार कर लेता है। मैंने पोस्ट को आप दोनों के साभार अपडेट कर दिया है।
पाबला जी, आपके तीनों डोमेन देखे, वाकई गजब है!
अमर कुमार जी, हिंदी ब्लाग जगत में बहुत से डॉक्टर सक्रिय हैं। डॉक्टर लोगों के ब्लागों की एक सूची बनायी जा सकती है, क्या खयाल है?
मेरे ब्लाग पर बहुत ही कम लोग सीधे आते हैं, तकरीबन सभी चिट्ठाजगत या ब्लागवाणी के लिंक से आते हैं। इसलिये ब्लाग के पते को याद रखने की इतनी आवश्यकता नहीं होनी चाहिये। यदि भूल भी जायें तो गूगल बाबा में "अनिल का" खोज डालें, मैं पहले ही नंबर पर हूँ! :)
इस का एक नुक्सान यह है की आप का ब्लॉग बुक मार्क कर के रखना पढता है. वैसे हिंदी में आपका नाम टाइप कर के गूगल में डालें तो मिलेगा. हो सकता है आने वाले समय में इस का भी कोई हल निकले.
thats interesting, but maine to safari me khola to khula hi nahin. internet explorer par aapke adress ki jagah bas ?????? aa raha hai.
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